फर्ज़ निभाती बेटियां
फर्ज़ निभाती बेटियां
कभी सभी की दुलारी,
तो कभी घर की रौनक बन,
घर गुलशन सा महकाती हैं बेटियां!
कभी भाई की दोस्त ,
तो कभी उसकी ढाल बन,
जीवन उसका संवारती है बेटियां!
कभी मां की सहेली,
तो कभी उसकी छाया बन,
जिम्मेदारी बटवाती हैं बेटियां!
कभी पिता की शान,
तो कभी शीतलता बन कर,
दुख सभी बाट लेती हैं बेटियां!
कभी खुशियों का संसार,
तो कभी जीवन का आधार बन,
सभी फर्ज निभाती हैं बेटियां।।
abhiwrites ❣️
Muskan khan
28-Apr-2023 09:05 PM
🤗
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Abhinav ji
28-Apr-2023 08:53 AM
Very nice 👍
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
28-Apr-2023 06:28 AM
खूबसूरत भाव और अभिव्यक्ति
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